Add To collaction

लेखनी कहानी -01-Jun-2023 कातिल कौन

भाग 2 


अनुपमा थाने से अपने घर आ गई  । उसकी समझ में नहीं आ रहा था कि उसका पर्स कोई क्यों चुरा कर ले जायेगा ? चोर केवल पर्स ही लेकर गया है और सामान जैसे सोने के गहने वगैरह लेकर क्यों नहीं गया ? घर का सारा सामान यथावत था । किसी ने जानबूझकर तो पर्स गायब नहीं करवाया है कहीं ? प्रश्न तो वाजिब है । पर कोई ऐसा क्यों करेगा ? जिसने ऐसा किया है वो आखिर है कौन ? क्या उद्देश्य है उसका ? पैसे जाने का उसे दुख नहीं था । पैसे भी कोई बहुत ज्यादा नहीं थे । बीस पच्चीस हजार रुपए क्या मायने रखते हैं आजकल ?  उसे तो दुख अपने मोबाइल जाने का था । उसमें उसके सभी परिचितों के कॉन्टेक्ट नंबर सेव थे । अब वह उनसे कैसे बात कर पायेगी ? हार्ड कॉपी में फोन बुक कौन रखता है आजकल ? सबके फोन नंबर फिर से कलेक्ट करना बहुत बड़ी समस्या है । पर ये काम तो करना ही पड़ेगा अब । और कोई विकल्प नहीं है । 

अचानक उसे ध्यान आया कि उसने सक्षम को इस बारे में अभी तक कुछ नहीं बताया है । उसे सबसे पहले उसे ही बताना चाहिए था पर वह तो पर्स गायब होने की बात से ही इतनी विचलित हो गई थी कि सीधे थाने ही पहुंच गई । और वह बताती भी तो कैसे ? मोबाइल अब रहा नहीं और लैण्डलाइन फोन अब कौन लगवाता है अपने घर में ? अब समस्या ये है कि वह सक्षम से बात करना चाह रही है पर उससे बात करे भी तो कैसे ? उसके पास कोई फोन ही नहीं है । सक्षम से बात करने के लिए पहले उसे एक नया फोन खरीदना पड़ेगा । नया फोन तो ऑनलाइन ऑर्डर देकर भी मंगवाया जा सकता है पर सिम तो बाजार जाकर ही खरीदना पड़ेगा । अभी इतना टाइम नहीं है कि बाजार जाकर फोन और सिम खरीदे । अभी तो किसी और के मोबाइल से काम चला लेते हैं । बाद में फुरसत मिलने पर खरीद लेंगे ये सब चीजें । 

उसका ध्यान सबसे पहले कामवाली बाई कान्ता पर गया । उसके मोबाइल से बात कर लेगी वह सक्षम से । पर आज तो कामवाली बाई भी नहीं आई है अभी तक । वो आ जाती तो उसके मोबाइल से सक्षम से बात कर लेती वह , पर उसकी अनुपस्थिति में बात कैसे हो ? वह सोच में पड़ गई । 

अचानक उसे खयाल आया कि ऊपर की मंजिल पर अक्षत रहता है । पर वह तो अपने ऑफिस चला गया होगा अब तक ? साढे नौ बजे तक चला जाता है वह । लगभग साल भर से रह रहा है वह यहां पर किरायेदार के रूप में । उसने उसे अक्सर सुबह साढे नौ बजे से पहले ही अपने ऑफिस जाते हुए  देखा है । आज तो कोई छुट्टी भी नहीं है इसलिए उसके मिलने के चांस बहुत कम हैं । पर एक बार ऊपर जाकर देखने में हर्ज ही क्या है ? 

वह सीढियां चढने लगी । अनुपमा छत पर आ गई और उसने अक्षत के कमरे की ओर देखा । कमरा बंद था पर बाहर से ताला लगा हुआ नहीं था । अनुपमा के चेहरे पर खुशी की लहर दौड़ गई । इसका मतलब है कि अक्षत अभी कमरे में ही है । "थैंक गॉड" , उसने मन ही मन भगवान को धन्यवाद दिया और उसने अक्षत के कमरे का दरवाजा खटखटाया । 
"कौन है" ? अंदर से अक्षत की आवाज आई 
"मैं हूं अनुपमा । दरवाजा खोलो" 
"अरे भाभी आप ? इस समय यहां क्या कर रही हो" ? अक्षत ने चौंककर कहा । उसके पैरों की आवाज दरवाजे के पास आती जा रही थी । अक्षत ने दरवाजा खल दिया । 
"क्या बात है भाभी , आप कुछ परेशान सी लग रही हैं" ? अक्षत ने अनुपमा का चेहरा देखकर कहा । 
"क्या बताऊं भैया , आज रात कोई चोर मेरा पर्स चुराकर ले गया । उस पर्स में कुछ पैसे थे और मेरा मोबाइल भी था । तुम्हारे भैया के ऑफिस जाने के बाद जब मैं अपने एन जी ओ "उन्नयन" के लिए जाने लगी तो पर्स की याद आई । पर्स को घर में खूब ढूंढा मगर वह कहीं नहीं मिला । तब थाने में जाकर रिपोर्ट लिखवाई । मैं अभी अभी ही थाने से आ रही हूं । तुम्हारे भैया को तो इस बारे में अभी तक कुछ पता नहीं है । सोचा पहले उन्हें बता दूं । पहले सोचा कि कामवाली बाई के फोन से उन्हें बता दूंगी पर आज कामवाली बाई कान्ता आई ही नहीं । अब तुम्हारे फोन से ही बताना पड़ेगा तुम्हारे भैया को ।  जरा अपने भैया को फोन तो लगाओ , उन्हें बता तो दूं" । अनुपमा एक ही सांस में बहुत कुछ कह गई । 

सक्षम के दोस्त शुभम का छोटा भाई था अक्षत । सक्षम और शुभम दोनों कॉलेज में साथ साथ पढ़े थे । दोनों का याराना बड़ा गजब का था । सक्षम अभी बैंगलोर में जॉब कर रहा था । उसका छोटे भाई अक्षत पहली बार यहां जॉब के लिए आया था । शुभम ने जब सक्षम को इस बारे में बताया तब  उसके लिए कोई मकान किराये से ढूंढने के लिए भी कहा । सक्षम ने अभी दो साल पहले ही यह मकान खरीदा था नोएडा में । ग्राऊंड फ्लोर पर वह और अनुपमा रहते थे । फ़र्स्ट फ्लोर पर एक कमरा किचिन और लैट बाथ बने थे, वह पोर्शन खाली था । उसे अक्षत को दिया जा सकता था ।  सक्षम ने शुभम से कह दिया कि वह उनके मकान के ऊपर बने एक पोर्शन में रह जायेगा, उसके मकान की चिंता ना करे वह । तब से अक्षत यहां किराए पर रह रहा है । वह सक्षम को भैया और अनुपमा को भाभी कहता है । 

अक्षत ने सक्षम को फोन लगाया और कहा 
"भैया , वो अनुपमा भाभी आपसे कुछ बात करना चाहती हैं । लो बात कर लो" । उसने फोन अनुपमा भाभी को पकड़ा दिया । 
"हैलो सक्षम ! अनु बोल रही हूं" 
"कहां थी अब तक ? मैं कब से फोन लगा रहा हूं तुम्हें ? जब देखो तब स्विच्ड ऑफ बताता है तुम्हारा फोन । ये फोन क्यों बंद कर रखा है तुमने ? देखो उसमें कितनी मिस्ड कॉल्स पड़ी हुई होंगी" ? सक्षम थोड़ा तेज लहजे में बोला ।
"मैं क्यों बंद करूंगी अपना फोन ? मैं कोई पागल हूं क्या ? दरअसल, मैंने तुम्हें ये बताने के लिए फोन किया है कि आज रात को कोई चोर मेरा पर्स चुरा कर ले गया है । हम में से किसी को पता ही नहीं चला । जब मैं "उन्नयन" जाने लगी और पर्स ढूंढा तब मुझे पता चला कि पर्स तो है ही नहीं ।  तब मैं थाने जाकर रिपोर्ट लिखवा आई । बस, यही बात बतानी थी आपको" । अनुपमा ने सक्षम को सारी बात सुना दी । 
"ओ एम जी ! ये साला चोर कहां से घुस गया घर में" ? सक्षम की चिंतित सी आवाज सुनाई दी 
"मुझे क्या पता ? लगता है कि रात को कोई खिड़की या दरवाजा खुला रह गया था । उसी में से घर में घुसा होगा वह  । और कुछ तो शायद मिला नहीं होगा उसे इसलिए वह पर्स को उठाकर ले गया होगा" ? अनुपमा ने आशंका व्यक्त करते हुए कहा । 
"पर्स के अलावा और तो कुछ नहीं ले गया वह चोर" ? सक्षम चिंतित होते हुए बोला । 
"नहीं और तो कुछ नहीं गया है । थोड़े से पैसे थे उसमें , वे चले गये । घर का बाकी का सामान सुरक्षित है" अनुपमा मुस्कुराते हुए बोली 
"थैंक गॉड, एक पर्स ही गया है बस । तो ऐसा करो,  एक नया फोन ले आओ ना डार्लिंग । नया सिम लेकर उसमें डाल लेना , फिर सारी समस्या खत्म हो जाएगी" । सक्षम ने उसे सुझाया । 
"हां, ये ठीक रहेगा । मैं बाजार जाकर अभी लाती हूं फोन । ओ के" । और अनुपमा ने फोन डिस्कनेक्ट कर दिया । 

तब तक अक्षत बड़े आराम से उन दोनों की बातें सुन रहा था । फिर वह बोला । 
"जब तक आपका नया फोन एक्टिवेटेड नहीं हो तब तक आप मेरा फोन काम में ले सकती हैं भाभी" अक्षत ने सुझाया । 
"और इस बीच तुम्हारी गर्लफ्रेंड का फोन आ गया तो" ? अनुपमा उससे मजाक करने से नहीं चूकी । 
"मेरी कोई गर्लफ्रेंड नहीं है भाभी । आप निश्चिंत रहें । आप बेझिझक ले लीजिए ये फोन" । अक्षत हंसते हंसते बोला 
"नहीं, ऐसी कोई अर्जेन्सी नहीं है भैया । मैं अभी बाजार से मोबाइल और सिम लेकर आती हूं । पर आज तुम घर पर कैसे हो ? ऑफिस नहीं गये" ? अनुपमा ने आश्चर्य से पूछा 
"आज तबीयत थोड़ी नरम थी भाभी, इसलिए "वर्क फ्रॉम होम" ले लिया" । अक्षत ने मुस्कुराते हुए कहा । 
"ये ठीक हुआ कोरोना से । ऑफिस जाना कम्पलसरी नहीं रहा अब । जब मन चाहे घर से ही काम कर लो । क्यों है ना भैया" ? 
"हां भाभी, एकदम सही है । कोरोना से ये फायदा तो हुआ है । मैं कभी कभी वर्क फ्रॉम होम ले लेता हूं । आज भी ले लिया था । इससे मुझे रेस्ट भी मिल रहा है और ऑफिस का काम भी हो रहा है" । 

बातचीत खत्म होने पर अनुपमा अपने कमरे में आ गई । फिर वह मोबाइल और सिम लेने बाजार चली गई । शाम तक उसका नया मोबाइल एक्टिवेटेड हो गया । उसने सबसे पहले अपने पति सक्षम को अपने नये मोबाइल से कॉल किया और बता दिया कि यह उसका नया नंबर है । 

(अगले अंक में आप पढेंगे कि अनुपमा के पर्स की जांच कहां तक पहुंची ? क्या चोर का पता चल जायेगा ? क्या चोर ही कातिल है" ? ) 

श्री हरि 
2.6.23 


   18
10 Comments

Gunjan Kamal

03-Jul-2023 10:20 AM

Nice one

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

05-Jul-2023 09:35 AM

हार्दिक अभिनंदन मैम 🙏🙏

Reply

Abhinav ji

10-Jun-2023 01:06 AM

Very nice 👍

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

10-Jun-2023 09:15 AM

🙏🙏

Reply

Hari Shanker Goyal "Hari"

10-Jun-2023 09:15 AM

🙏🙏

Reply